भारत की पीढ़ी दर पीढ़ी अक्षुण होता समबृद्ध प्रेरक पुराण पुरुषार्थ। भारत की पीढ़ी दर पीढ़ी अक्षुण होता समबृद्ध प्रेरक पुराण पुरुषार्थ।
कांधे में कुल्हाड़ी लेकर अंधे पति को अतृप्त छोड़कर कांधे में कुल्हाड़ी लेकर अंधे पति को अतृप्त छोड़कर
आदिवासी जिंदा है तो ही एससी, ओबीसी और माइनॉरिटी भारत में जिंदा है। आदिवासी जिंदा है तो ही एससी, ओबीसी और माइनॉरिटी भारत में जिंदा है।
आदिवासियों के रोने की आवाज़ लड़ाई की शोर से दब गयी है। आदिवासियों के रोने की आवाज़ लड़ाई की शोर से दब गयी है।
करता हूँ आह्वान क्या कभी रोक पायेगा, इन्हें मेरा विधान ! आदिवासी छेत्रों में ज़मीन व अधिकार के... करता हूँ आह्वान क्या कभी रोक पायेगा, इन्हें मेरा विधान ! आदिवासी छेत्रों में...
आदिवासी थे कपड़े थे ना दिमाग़ थे बस हम प्यारे थे हम इंसान थे आज हम क्या हैं आज हम ... आदिवासी थे कपड़े थे ना दिमाग़ थे बस हम प्यारे थे हम इंसान थे आज ह...